आज की शिक्षा बचपन को निगल रही है। वर्तमान सन्दर्भ में यह पूर्णतः सत्य
है। शिक्षा आजकल किताबों को रटकर पुरे-पुरे अंक लाने का पर्याय हो गयी है।
इस दौड़ ने बच्चों के जीवन को किताबों के बोझ तले दबा कर उनके बचपन को दफ़न
कर दिया है। रही सही कसार तथाकथित उच्च-स्तरीय कोचिंग सेंटरों ने कर दी है।
बच्चे विद्यालय से आते ही कोचिंग के लिए चले जाते हैं और फिर देर शाम को
घर वापिस आते हैं. ना तो उनके पास खेलने का समय रहता है और ना ही किसी
मनोरंजन या शौक के लिए। अभिभावक और शिक्षक गण सभी उनसे बहुत उम्मीदें रखते
हैं और उन उम्मीदों को पूरा करने की धुन में बच्चें अपने आप को और अपने
बचपन को, दोनों भूल जाते हैं।
कैबिनेट मिनिस्टर:
मोदी सरकार का रविवार को तीसरा फेरबदल हुआ। इसके साथ सरकार में मोदी समेत मंत्रियों की स्ट्रैंथ 76 हो गई है। इसमें 28 कैबिनेट मंत्री, 11 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 37 राज्य मंत्री शामिल हैं। निर्मला सीतारमण को प्रमोट कर रक्षा मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान और मुख्तार अब्बास नकवी को भी प्रमोशन मिला है। सुरेश प्रभु से रेल लेकर अब उन्हें कॉमर्स मिनिस्ट्री दी गई है। पीयूष गोयल को रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। इसमें करीब 11 मंत्रियों को फायदा हुआ और वहीं, 5 का कद घटा है। बता दें कि 9 नए चेहरे को भी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।

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